Singrauli news: सिंगरौली विस्थापित संघर्ष समिति ने NCL को सौपा 10 सूत्री मांग पत्र।
31 मई तक मांग पत्र पर विचार नही की NCL तो 05 को होगी खदान बंद।
जनता के वोट पर बने जनप्रतिनिधि विस्थापितों के हक में NCL व जिला प्रसाशन को खुलकर बोलने में कर रहें हैं परहेज।
(फणीन्द्र कुमार सिन्हा)
सिंगरौली कार्यालय
जिला सिंगरौली अंतर्गत मोरवा के फल मंडी में बीते 18 मई को सिंगरौली विस्थापन संघर्ष समिति के नेतृत्व में एक चेतावनी सभा आयोजित किया गया था जिसमें सिंगरौली के पूर्व विधायक रामलल्लू वैश्य के संरक्षण में हुई इस सभा के दौरान जहां रामलल्लू वैश्य ने स्थानीय लोगों से नोटिस न लेने की अपील की थी। तो वही अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण संगठन के राष्ट्रीय महासचिव अमित तिवारी समेत अन्य वक्ताओं ने भी मंच से चेताया था कि यदि 10 दिनों के भीतर सार्थक पहल होती हैं तो वह एनसीएल के उत्पादन एवं प्रेषण रोकने को हम आमजनमानस के साथ मजबूर होंगे। इसी क्रम में सिंगरौली विस्थापित संघर्ष समिति के अध्यक्ष रंजीत शर्मा सुशीला सिंह शंकर सोनी, सोनू गुप्ता,शिवानी सहित कई लोगों ने NCL मुख्यालय में पत्र दी और पत्र में कहा शासकीय भूमि, वन भूमि अथवा अनुबंध के अंतर्गत आने वाली भूमि पर लंबे समय से अपने आशियाने बनाकर जीवन यापन कर रहे लोग एनसीएल की इस विस्थापन की प्रक्रिया से व्यथित हैं। एनसीएल प्रबंधन ऐसी स्थिति में उनके साथ दोहरे मापदंड अपना रहा है।
इसी बात से छुब्ध लोगों ने अमित तिवारी के मार्गदर्शन में समिति बनाकर कुल 10 सूत्री मांग सौपी।
एनसीएल विस्थापितों में फूट डालकर कर रहा हैं अपना उल्लू सीधा ।
जिसमे शासकीय भूमि पर बसे लोगों को भी विस्थापित मानते हुए, पट्टेदारों के समान ही सभी प्रकार के लाभ प्रदान करने समेत शासकीय भूमि, वन भूमि एवं अनुबंधित भूमि पर निर्मित सभी आवासों के स्वामियों को 15 लाख की सम्मानजनक राशि प्रदान करने, उनके प्रत्येक परिवार के सभी पात्र सदस्यों को 15-15 लाख की आर्थिक सहायता प्रदान करने, आवासों के संपूर्ण क्षेत्रफल का उचित सोलेशियम प्रदान करने, एकमुश्त विस्थापन भते की राशि को वर्तमान 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख किये जाने, पुनर्वास स्थल पूर्ण विकसित कर तब उन्हें प्लॉट आवंटित करने समेत कुल 10 मांगे शामिल है