विदेश में भी भोजपुरी की लहर दिल है हिंदुस्तानी।
विदेशों में रहकर भी भारतीय संस्कृति को देते हैं बढ़ावा।
व्यूरो रिपोर्ट
भीटी मऊ(उत्तर प्रदेश) यू तो सुनने में बहुत अटपटा लगेगा पर हकीकत है। (विदेश) मलेशिया के रहने वाले करम शंकर तिवारी अपना जीवनसाथी भारतीय महिला निर्मला राजदेव दुबे को बनाया है। ये (विदेश) मलेशिया के रहने वाले हैं मगर दिल है हिंदुस्तानी। निर्मला राजदेव दुबे मऊ जिला अंतर्गत पहाड़ीपुर की रहने वाली धर्म परायण महिला है। इनकी शादी 1972 में हुई थी। निर्मला राज देव दुबे एक ऐसी धर्म परायण महिला है जिनके रोम रोम में भारतीय संस्कृति का वास है। बताती है की शादी के बाद पहली बार जब मैं भारत से मलेशिया जा रही थी तो परिवार के लोग कहते थे कि देखो इंडिया छूट रहा है अभी देख लो। पर भारतीय संस्कृति से ओत प्रोत निर्मला राजदेव दूबे अपना जीवन साथी के साथ हवाई जहाज से मलेशिया प्रस्थान कर गइ। इनके तीन बेटी व एक बेटा है। पहली बेटी करिश्मा तिवारी मलेशिया में कंप्यूटर इंजीनियर दूसरी बेटी सुषमा तिवारी वकील तीसरी बेटी नरिश्मा तिवारी वकील और एक बेटा राजीव तिवारी अमेरिका में सूचना प्रौद्योगिकी विभाग में कार्यरत है। परिवार खुशहाल है सबसे बड़ी खास बात यह है कि इनके घर परिवार में भोजपुरी और हिंदी भाषा का प्रयोग खुब किया जाता है। ऐसे निर्मला राजदेव दुबे मलेशिया,अंग्रेजी,भोजपुरी,हिंदी भाषा की बहुत अच्छी जानकार हैं। करम शंकर तिवारी भी मलेशिया,अंग्रेजी,भोजपुरी,हिंदी और तमिल भाषा कि अच्छी जानकारी रखते हैं। बरहाल ये लोग अपने घर परिवार में शुद्ध रूप से भोजपुरी भाषा का हि इस्तेमाल करते हैं।करम शंकर तिवारी बहुत अच्छा म्यूजिशियन गीतकार व डांसर हैं। घर परिवार में आने के बाद भारतीय रीति रिवाज के तहत परिवार वालों ने जबरदस्त अभिनंदन किया।